श्याम कहो तुम क्यूं नही आए?

दिन रात निहारे राह सदा से,
बैठे रहें हम आँख बिछाए,
रात ना बीते, दिन दरस ना दिखाए,
श्याम कहो तुम क्यूं नही आए?

करके वादा भूल गये तुम,
हमको आधा छोड़ गये तुम,
अपना कह के बने पराए,
श्याम कहो तुम क्यूं नही आए?

तुम्हरी रानियाँ, सुंदर काँचन,
हम वृंदावना-गोपी-अश्वेता,
इसलिए हमारा प्रेम दिए भुलाए?
श्याम कहो तुम क्यूं नही आए?

श्याम कहाँ है हृदय तुम्हारा?
क्या कहीं तुम बाँट हो आए?
बरसों रहे तुम हमें सताए,
श्याम कहो तुम क्यूं नही आए?

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