गीत

एक फलक पर आसमान , दूजे पर है साँस की डोर,
दोनों को समेट कर आती ज़िन्दगी की एक हिलोर,
सपनो के रंगीन वो साये याद दिलाती है हवा,
नींद है टूटी पर न छूटी आस की एक बूँद दवा,
उमड़ घुमड़ कर काली बदरी कहती है कुछ गरज कर,
ठंडी-ठंडी बूँदें सुनाती ईश-गीत बरस कर,
साज़ है ठहरे पर है गाती दिल में ठहरी एक भोर,
उठो गाओ,, गुनगुनाओ, जिंदगी देती है ज़ोर !